Khabri Chai Desk : डोंगरगढ़ के खालसा पब्लिक स्कूल में कक्षा सातवीं के छात्र सार्थक सहारे की जिंदगी एक मामूली घटना के कारण पूरी तरह बदल गई है। 2 जुलाई को SST की क्लास के दौरान शिक्षिका की बात ठीक से न सुन पाने पर सार्थक को कई थप्पड़ मारे। एक थप्पड़ इतना तेज था कि उसकी सुनने की क्षमता गंभीर रूप से प्रभावित हो गई।घटना के बाद जब सार्थक घर लौटा तो उसने अपनी मां को कहा, “मम्मी, अब ठीक से सुनाई नहीं दे रहा।” परिवार ने तुरंत उसे डोंगरगढ़ अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक स्थिति गंभीर हो चुकी थी। यहां से उसे राजनांदगांव और फिर रायपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने बताया कि उसकी सुनने की समस्या गंभीर है और इसका इलाज लंबी अवधि तक चल सकता है।
परिजन अब विकासखंड शिक्षा अधिकारी (BEO) से मामले में सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वे स्कूल प्रशासन से भी उम्मीद कर रहे हैं कि भविष्य में ऐसे अमानवीय व्यवहार को रोका जाए और बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।यह घटना न केवल सार्थक के परिवार के लिए गहरा सदमा है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी भी है। बच्चों के साथ शिक्षक का व्यवहार नाजुक होना चाहिए और कोई भी हिंसात्मक कार्य अनुचित है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि स्कूल बच्चों के लिए सुरक्षित और सकारात्मक स्थान बने, जहां वे बिना भय के शिक्षा प्राप्त कर सकें।
