Khabri Chai Desk : छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के छोटे से आदिवासी गांव घुइटांगर में 2 जून 2003 को जन्मे अनिमेष कुजूर ने अपनी मेहनत और प्रतिभा से देश और राज्य का नाम रोशन किया है। खेतों की हरियाली और ग्रामीण संस्कृति के बीच पले-बढ़े अनिमेष को शायद खुद भी अंदाजा नहीं था कि एक दिन वह भारत के एथलेटिक्स इतिहास में नया अध्याय लिखेंगे। उनके माता-पिता, अमृत कुजूर और रीना कुजूर, एक सामान्य ग्रामीण परिवार से हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी अपने बेटे की पढ़ाई और अनुशासन में कोई कमी नहीं आने दी।
अनिमेष ने ग्रीस के वारी में आयोजित ड्रोमिया इंटरनेशनल स्प्रिंट मीट में 100 मीटर की दौड़ महज 10.18 सेकेंड में पूरी कर राष्ट्रीय रिकॉर्ड बना दिया। इससे पहले यह रिकॉर्ड 10.20 सेकेंड के साथ गुरिंदरवीर सिंह के नाम था। रेस में अनिमेष तीसरे स्थान पर रहे; पहला स्थान दक्षिण अफ्रीका के बेंजामिन रिचर्डसन (10.01 सेकेंड) और दूसरा ओमान के अली अल बलूशी (10.12 सेकेंड) को मिला।
इतना ही नहीं, अनिमेष ने दक्षिण कोरिया में हुई एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पुरुषों की 200 मीटर दौड़ में 20.32 सेकेंड का समय निकाल कर भी राष्ट्रीय रिकॉर्ड अपने नाम किया है। आज अनिमेष भारत के सबसे तेज धावकों में गिने जाते हैं और युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुके हैं।
