CG BREAKING : हरेली तिहार छत्तीसगढ़ की परंपरा, किसान का पर्व

Khabri Chai Desk : रायपुर प्रदेश सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए लगातार प्रयासरत है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में डेढ़ साल की अवधि में लिए गए निर्णयों से खेती-किसानी को नया संबल मिला है। बीते खरीफ सीजन में समर्थन मूल्य पर 144.92 लाख मीट्रिक टन धान की रिकॉर्ड खरीदी की गई। छत्तीसगढ़, जिसे धान का कटोरा कहा जाता है, की अर्थव्यवस्था का मूल आधार कृषि है।
हरेली में पूजा करता हुआ किसान
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हरेली छत्तीसगढ़ का पहला और विशेष महत्व वाला त्यौहार है, जिससे खेती-किसानी की शुरुआत होती है। इस दिन किसान कृषि यंत्रों की पूजा करते हैं, पशुओं को स्नान कराकर उन्हें औषधियुक्त लोंदी खिलाई जाती है। गांवों में बच्चे और युवा पारंपरिक गेड़ी चढ़ते हैं।पारंपरिक रूप से गेड़ी बांस से बनाई जाती है, जिसमें पैर रखने के लिए लकड़ी का पउआ बांधा जाता है। गेड़ी की आवाज वातावरण को आनंदमय बनाती है। हरेली के दिन किसान गुड़ का चीला, गुलगुला, भजिया जैसे छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का भोग लगाते हैं।
गांवों में ठाकुर देव और औजारों की पूजा की जाती है। यादव समाज द्वारा वनौषधि लाकर किसानों को दी जाती है, जिसके बदले में उन्हें अन्न का उपहार दिया जाता है। महिलाएं नए परिधान पहन सावन के झूले और पारंपरिक खेलों में हिस्सा लेती हैं।हरेली पर्व केवल एक कृषि उत्सव नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान और ग्रामीण जीवनशैली का जीवंत प्रतीक है।
Khabri Chai
Author: Khabri Chai

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