Khabri Chai Desk : छत्तीसगढ़ सरकार ने अचानकमार टाइगर रिजर्व (एटीआर) के दुर्गम और वनवासी गांवों में रात्रिकालीन रोशनी की समस्या के समाधान की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। अब इन घने जंगलों के बीच बसे 12 गांवों की 13 बसाहटों में नई सोलर बैटरियों की स्थापना की जा रही है। इससे 322 परिवारों को रात में पर्याप्त और स्थायी रोशनी मिल सकेगी।
पुरानी बैटरियों से थी परेशानी, सरकार ने लिया संज्ञान
इन गांवों में पहले से 112 सोलर पावर यूनिट्स लगाई गई थीं, लेकिन समय के साथ इनकी बैटरियां पुरानी हो गईं और उनकी क्षमता क्षीण हो गई। इससे न तो घरों में और न ही गलियों में लगी सोलर लाइट्स से पर्याप्त रोशनी मिल पा रही थी। रात में अंधेरे और जंगली जानवरों के डर के कारण ग्रामीणों का जनजीवन प्रभावित हो रहा था।
समाधान शिविर में उठाई गई थी मांग
19 मई 2025 को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मौजूदगी में आयोजित ‘सुशासन तिहार’ समाधान शिविर में ग्रामीणों ने प्रकाश की समस्या को प्रमुखता से उठाया। इस पर उप मुख्यमंत्री और क्षेत्रीय विधायक अरुण साव ने तुरंत संज्ञान लेते हुए पुरानी बैटरियों को बदलने के निर्देश दिए।
बैटरी वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना
शनिवार को उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने लोरमी से बैटरियों से भरे वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा:
“अब अचानकमार वनांचल में बरसात के दिनों में अंधियारा नहीं होगा। रात में पर्याप्त रोशनी हो जाने से ग्रामीण जंगली जीवों के खतरे से भी सुरक्षित रहेंगे। सरकार हर गांव तक मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
इन 12 गांवों को मिलेगा सीधा लाभ
जिन 12 गांवों की 13 बसाहटों में नई बैटरियां लगाई जा रही हैं, वे हैं:
महामाई, डंगनिया, तिलईडबरा, लमनी, छपरवा, अचानकमार, मंजूरहा, कटामी, अतरिया, बम्हनी, राजक और सुरही।
योजनाओं की कुछ मुख्य बातें
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112 सोलर पॉवर यूनिट्स पहले से स्थापित
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322 परिवार होंगे सीधे लाभान्वित
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13 बसाहटों में बैटरियों की रिप्लेसमेंट
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रात्रिकालीन सुरक्षा और सुविधा में बड़ा सुधार
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वनवासियों के जीवनस्तर में सकारात्मक बदलाव की पहल
