आत्मसमर्पण माओवादि, सिलाई में हुए लीन..

Khabri Chai Desk : छत्तीसगढ़ सरकार की माओवादी आत्मसमर्पण राहत एवं पुनर्वास नीति-2025 और विशेष ‘नियद नेल्ला नार’ योजना ने बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास और विश्वास की नई दिशा दी है। इस योजना के तहत सुकमा जिला प्रशासन द्वारा आत्मसमर्पित माओवादियों को कौशल प्रशिक्षण, पुनर्वास और स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है। कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव के मार्गदर्शन में लाइवलीहुड कॉलेज और ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के माध्यम से सिलाई, कृषि, ड्राइविंग और अन्य ट्रेड में नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कोंटा विकासखंड की अनीता सोड़ी जैसी महिलाओं के लिए यह योजना एक नई शुरुआत बनी है। अनीता बताती हैं कि पुनर्वास केंद्र ने उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने का रास्ता दिखाया है। अब वे सिलाई का काम शुरू कर परिवार को बेहतर भविष्य देना चाहती हैं।

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वर्तमान में 6 महिलाएं सिलाई प्रशिक्षण ले रही हैं, जिन्हें ‘सक्षम योजना’ के अंतर्गत 40 हजार से 2 लाख रुपये तक का ऋण 3% ब्याज पर दिया जाएगा, साथ ही मुफ्त सिलाई मशीन और प्रमाण पत्र भी मिलेंगे। लाइवलीहुड कॉलेज में 30 किशोरियाँ और महिलाएं प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं, जिन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ने की भी पहल की जा रही है। अब तक 79 आत्मसमर्पित माओवादियों को विभिन्न ट्रेड में प्रशिक्षित किया जा चुका है। यह योजना मुख्यमंत्री कौशल विकास, स्टार्टअप, पीएम स्वनिधि और महिला ऋण योजनाओं से युवाओं को जोड़ रही है, जिससे बस्तर के अंदरूनी गांवों में रोजगार और सम्मान के साथ विकास की नई रोशनी फैल रही है।
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Author: Khabri Chai

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