ग्रामीण स्कूल में पहली बार विश्व स्तरीय पेंटिंग और मूर्तिकला प्रदर्शनी

Khabri Chai Desk : भिलाई। कला केवल प्रदर्शन नहीं बल्कि सामाजिक सरोकार का माध्यम है। कलाकार तभी धन्य होता है जब वह अपनी कला को दूसरों तक पहुँचाकर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाए। यही संदेश प्रख्यात मॉडर्न आर्ट चित्रकार डी.एस. विद्यार्थी ने ग्राम परसदा कुम्हारी हाईस्कूल में आयोजित कला प्रदर्शन के दौरान दिया। उन्होंने कहा कि कला इंसान को अहिंसक, शांतचित्त और एकाग्र बनाती है, जिसकी आज के तनावपूर्ण जीवन में अत्यंत आवश्यकता है।
कार्यक्रम में विद्यार्थी की पेंटिंग प्रदर्शनी और डॉ. अंकुश देवांगन की दुनिया की सबसे छोटी मूर्तियों का प्रदर्शन विशेष आकर्षण का केंद्र रहा, जिसे देखकर बच्चे और शिक्षक आश्चर्यचकित रह गए। ज्ञात हो कि विद्यार्थी और अंकुश देवांगन वर्षों से बस्तर के धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में बच्चों को निशुल्क चित्रकला और मूर्तिकला प्रशिक्षण देते आ रहे हैं, ताकि बच्चे हिंसा के मार्ग से दूर रहकर सृजनशीलता की ओर बढ़ें।

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अंकुश देवांगन ने कहा कि उनके प्रयास भले छोटे हों, लेकिन यदि एक भी बच्चा गलत रास्ते पर जाने से बच जाए तो यही उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि होगी। चित्रकार विद्यार्थी भिलाई इस्पात संयंत्र से सेवानिवृत्ति के बाद भी लगातार कला साधना में लगे हैं और वर्तमान में गीता के 700 श्लोकों पर पेंटिंग बनाने का ऐतिहासिक कार्य कर रहे हैं।
विश्व स्तरीय कला को पहली बार देखकर ग्रामीण छात्र बेहद उत्साहित थे और नए संकल्प के साथ विद्यालय से लौटे।

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Author: Khabri Chai

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