
Khabri Chai Desk : छत्तीसगढ़ के समाज कल्याण विभाग द्वारा वर्ष 2012 में स्थापित फिजिकल रेफरल रिहैबिलिटेशन सेंटर, माना कैम्प आज दिव्यांगजन पुनर्वास और कृत्रिम अंग निर्माण के क्षेत्र में मध्यभारत का एक प्रमुख और आदर्श संस्थान बन चुका है। अत्याधुनिक तकनीक, अनुभवी चिकित्सकों व तकनीकी विशेषज्ञों की टीम और मानवीय संवेदनाओं से प्रेरित कार्यशैली ने इस केंद्र को हजारों दिव्यांगजनों के लिए आशा और आत्मनिर्भरता का केंद्र बना दिया है।
यहां अब तक 7,000 से अधिक दिव्यांगजनों को निःशुल्क कृत्रिम हाथ-पैर और अन्य प्रोस्थेटिक उपकरण प्रदान किए जा चुके हैं। इन सुविधाओं से कई लोग दोबारा चलने-फिरने में सक्षम हुए, युवाओं को रोजगार के अवसर मिले, विद्यार्थी शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़े और बुजुर्गों को स्वतंत्र जीवन जीने का सहारा मिला। केंद्र की सेवाएं केवल शारीरिक पुनर्वास तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह आत्मसम्मान और सामाजिक सहभागिता को भी सशक्त करती हैं।
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फिजिकल रेफरल रिहैबिलिटेशन सेंटर में आधुनिक मापन तकनीक और उच्च गुणवत्ता की सामग्री से लाभार्थियों की जरूरत के अनुसार उपकरण तैयार किए जाते हैं। सभी सेवाएं पूर्णतः निःशुल्क हैं। जल्द ही 3डी प्रिंटर आधारित कृत्रिम अंग निर्माण तकनीक शुरू की जाएगी, जिससे गुणवत्ता और फिटिंग में और सुधार होगा। भविष्य में सेवाओं का विस्तार अधिक जिलों तक करने की योजना है, ताकि हर जरूरतमंद दिव्यांगजन लाभान्वित हो सके।
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